NEET (2024 के लिए अपडेट किया गया) मुश्किल होगा क्या?
‘नीट मुश्किल होता है क्या?’ ‘नीट 2024 कितना कठिन होगा?’ ये प्रश्न सभी उम्मीदवारों के दिमाग में आते हैं। जब मुझे पता चला कि मेडिकल सीट पाने के लिए मुझे नीट पास करना होगा तो मैंने भी सबसे पहले यही गूगल किया था।
तो चलो पता करते हैं नीट ‘मुश्किल’ है या नहीं।
NEET में क्या आसान/कठिन है?
मुझे लगता है, कठिनाई स्तर जब मैं मूल्यांकन करती हूँ तो इसमें मैं बस ये देखती हूँ कि क्या पूरा पेपर मैं एनसीईआरटी पुस्तक पढ़कर ही हल कर सकती हूँ ।
बायोलॉजी के केस में ये लेवल लगभग 95% (पेपरएनसीईआरटी) ही रहता है और फिजिक्स, केमिस्ट्री मे हो सकता है की ये परसेंटेज ९५% से कम या ज़्यादा भी हो। लेकिन विश्लेषण करने पर आपको पता चलेगा कि पिछले 5 वर्षों में कम से कम यह स्तर 80-90% से नीचे नहीं गया है। मतलब ज़्यादा से ज़्यादा पेपर (80-90%) एनसीईआरटी पुस्तक से ही आएगा |
वह भी, यदि आप वास्तव में एनसीईआरटी (NCERT) की सभी अवधारणाओं (कॉन्सेप्ट्स) को समझते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है।
देखिए, कठिनाई का मतलब है कि आपने पहले प्रश्न देखा है कि नहीं। जो प्रश्न आपने नहीं देखे/हल किए हैं वे आपको डरा देंगे। अगर कोई सवाल पहली बार देख रहा हो तो वो मुश्किल लगेगा ही ना। और अगर वो प्रश्न या कांसेप्ट एनसीईआरटी से नहीं होगा तो आपको डरायेगा |
इसका मतलब है कि एनसीईआरटी से सीधे जो प्रश्न आ रहे हैं वो आसान लगेंगे। और जो प्रश्न एनसीईआरटी के ज्ञान के आधार पर हल नहीं हो पा रहे हैं वो तुम्हें कठिन लगेंगे। (अगर आप एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ते हैं)
अब छोटी सी दिक्कत ये है की तुम्हे नहीं पता कि कब एन टी ए का मन कर जाये की आज तो मैं २-३ प्रश्न NCERT के बहार से डालूँगा | तो इसलिए दुर्घटना से प्रैक्टिस भली |
लेकिन ध्यान रखें- अब ऐसा बहुत ही कम होगा की कोई भी एन टी ऐ के द्वारा बनाया गया NEET का पेपर NCERT से 95% से ज़्यादा बहार से आए |
NEET 2020 के बाद
यहां देखा गया है – 2021 के बाद पेपर की कठिनाई काफी कम हो गई है। 2020 में हुआ था एक बड़ा बदलाव, एम्स और NEET की परीक्षाओ को एक साथ जोड़ दिया गया , तो अभी अगर तुम्हें एम्स कॉलेज भी चाहिए हो तो नीट के माध्यम से ही मिलेंगे। उसके बाद हुआ पैटर्न चेंज, पेपर के प्रश्न बढ़ गए। 200 प्रश्न करदिये जिसमे आपको १८० हल करने थे | यह ३ घंटे २० मिनट में |
2020 का पेपर पहला पेपर था जहाँ किसी को 720/720 मिला था, वह काफी आसान पेपर था।
2021 एक मध्यम कठिनाई स्तर का पेपर था, जिसमें प्रश्नों के उत्तर देने से पहले सोचना था और कुछ भौतिकी के सवाल काफी लम्बे भी थे। मुझे याद है कि मैंने सेंटर के बाहर बच्चों को रोते हुए देखा था, क्यों कि वह पेपर में टाइम नहीं मैनेज कर पाए।
लेकिन हाल ही में 2022, 2023 के पेपर में कठिनाई स्तर काफी आसान हो गया है।
यदि पेपर एनसीईआरटी का पालन करते हैं तो NEET को कठिन क्यों माना जाता है ?
मुझे नहीं लगता कि यह पेपर है जो अपने आप में ‘मुश्किल’ है, NEET में बहुत कड़ी प्रतिस्पर्धा (कम्पटीशन) है। पिछले साल कुल 20 लाख छात्र उपस्थित हुए थे। 20 लाख. समझ रहे हो कितना बड़ा नंबर होता है?
तुम्हारे क्लास में 40 बच्चे होंगे, ऐसे ही तुम्हारे स्कूल में 500 बच्चे होंगे। अब सोचो, ऐसे 4000 स्कूल मिलकर 20 लाख छात्र बनते हैं। इतने लोगो ने नीट दिया था। असली कठिनाई ये अंधाधुन प्रतिस्पर्धा (हाई कम्पटीशन) है |असली कठिनाई अब विषयों को याद करने में नहीं है|
सारा का सारा खेल अब आप नीट का पेपर कितनी सटीकता से हल करते हो, उसमे है |
पेपर जांच के दौरान म्हारे दिमाग की उपस्थिति, समय प्रबंधन और सटीकता की जांच हो रही है।
अगर मैं बेहतर करना चाहता हूँ तो क्या मुझे और ज्यादा पढ़ाई करनी चाहिए?
यहीं पर हममें से अधिकांश अभ्यर्थी गलत हो जाते हैं। हमें लगता है पेपर कठिन है मतलब के, वह लोग कुछ ऐसा पूछ लेंगे जो हमने सुना भी नहीं होगा या जो शायद सिलेबस में भी न हो।
तो हम निकल जाते हैं दुनिया भर की जानकारी इकट्ठा करने के लिए, और फिर जो काम का है वही याद नहीं रहता।
हमें यह याद रखने की जरूरत है कि इतने कॉम्पिटिशन में स्मार्ट तरीके से पढ़ना काफी जरूरी है, इसलिए यह बहुत जरूरी है कि जो आने वाला है उससे जुड़े रहें, उसे ही पढ़ना है, दिन रात पढ़ना है, इतना पढ़ना है के अगर सालो बाद भी कोई एक शब्द बोले तो सब मुह-ज़बानी याद हो। मेरे कोचिंग टीचर कहा करते थे- ” इस चैप्टर को घोल के पी जाओ |”
सबसे पहले NCERT कम्पलीट करनी है उसी के बाद आप NCERT के बहार का कुछ भी पड़ेंगे |
ठीक है, तो फिर क्या यह आसान है ?
मैंने कभी नहीं कहा और न कभी कहूँगी कि नीट का सफर आसान है। यह सबसे कठिन काम है। नीट के वक्त आप जितना तनाव झेलते हैं वो इतना खराब होता है, कि वो आपको खोखला कर देता है।
इन 2 सालो में ये सब टेस्ट होता है- हमारा धैर्य , हमारा आशावाद (ऑप्टिमिस्म)- हर समस्या में, हर असफलता में ‘होजाएगा, होजाएगा’ बोलते रहने की ताकत, ध्यान भटकाने से खुद को बचाकर फोकस कर पाने का जुनून और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हमारा समय प्रबंधन |
पढाई लिखाई तो जरूरी है ही, पर ये सब आना भी उतना ही जरूरी है।
‘तो क्या यह परीक्षा देने का प्रयास करना चाहिए?’
यह सब कुछ, सब प्रयास, सब तनाव, सब कुछ 100% इसके लायक है।
मैं तो डॉक्टर भी नहीं बनना चाहती थी |
पर आज जब ओपीडी में अपना सफ़ेद कोट पहनकर जाती हूं और लोग इतनी इज्जत से देखते हैं, लगता है कि सौ बार और NEET वाला तनाव झेल लूंगी अगर ये परिणाम मिलता है तो।
जब बाल चिकित्सा में कोई बच्चा डॉक्टर समझके ‘डॉक्टर दीदी’ बोलता है या जब पेशेंट से बात करते वक़्त वन-टू-वन इंटरेक्शन होता है, इतनी खुशी मिलती है, इतना गर्व होता है खुदपे, सब इस मेहनत के लायक लगता है .
और मुझे आप पर भरोसा है दोस्तों | मैंने नीट पास करके भारत के सबसे जाने माने कॉलेज- Grant Goverment Medical College and Hospital में पढ़ने का अवसर प्राप्त किया है और मैं इसके लिए हमेशा आभारी रहूंगी|
अगर मैं कर सकती हूं तो तुम क्यों नहीं?
तो बस कहना इतना ही है कि हर पहलू से ये नीट की परीक्षा ‘कठिन’ जरूर है पर आसान काम करने में मजा भी कहा।